Friday, August 14, 2009

मैं तुम्‍हारी राधा नहीं हूं











ना तो तुम मेरे कृष्‍ण हो
और ना ही मैं तुम्‍हारी राधा हूँ




हम सिर्फ प्रेम करते हैं
लेकिन राधा-कृष्‍ण जैसा नहीं
यह बात हम अच्‍छी तरह जानते हैं
मन ही मन मानते हैं
बेवफाई के इस जमाने में
अब कहां संभव है वो प्रेम

आओ
आज जन्‍माष्‍टमी के दिन हम
फिर बेवफाई करें
तुम जाओ अपनी किसी राधिका के पास
और मैं ढंढूं कोई कृष्‍ण सा सखा




पता नहीं
कब खत्‍म होगी ये तलाश
लगता है चिता पर ही होगी



फिर भी

कोशिश जारी रखने में कोई हर्ज नहीं

6 comments:

  1. श्री कृष्ण जन्माष्टमी की हार्दिक शुभकामनाएँ। जय श्री कृष्ण!!
    ----
    INDIAN DEITIES

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  2. हो सकता है दोनो को अपनी,अपनी मन्जिल मिल जाय

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  3. श्री कृष्ण जन्माष्टमी की हार्दिक शुभकामनाएँ
    शायद सदियों से तलाश जारी है----- बहुत बडिया पोस्ट

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  4. बढिया पोस्‍ट .. अब पहलेवाली बात कहां .. आपको भी जन्माष्टमी और स्‍वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं और बधाईयां !!

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  5. sachchai sweekarne ki himmat , wah aaj men yahi sahi hai. badhai.

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  6. कितनी गलत ख्याल है आपके। पहली बार आपके ब्लाग पर आया हूं। पर लगता है अब आपके ब्लाग न ही पढूं तो अच्छा होगा। आपके ख्याल में आजादी है बंधन नहीं। एक बार मन से किसी से बंध कर देखो जिंदगी भर आजाद होने का ख्याल नही आएगा।

    shyamgkp.blogspot.com

    Email- rajbhasha1@gmail.com

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